शुरू हो गई है रोपणी
धान की खेतों में
आषाढ़ के आगमन से
हरीतिमा लेकर
आई है लहलहाते पौधे
ग्रीष्म की प्रचंडता के
बाद
मुसहरी टोला से आई टोली
कतार में रोपणी करते
सुर में गा रही है
लय में बरसाती गीत
टप टप बारिश के
बूंदों की मधुर ध्वनि
के साथ
कहीं दूर गये अपने
प्रिय को
बेतार संदेश भेजकर
फुदक रहा है बछड़ा
अपनी माँ के इर्द गिर्द
बगुला भी बढ़ा रहा है
कदम दर कदम
हलवाहा के पीछे तन्मयता
से
ताकि कहीं चूक न जाए
निवाला
गर्जन मेघों के
दे जाती है अपनी
उपस्थिति
अंधकारमय दिन में
कौंधती बिजली के साथ
सपने बुनते कृषक
अरमानों के
अनिश्चताओं के बीच
हाँकता है बैलों को
होले से बात करते हुए
मानो सुख दुख का साथी
हो
ठिठुरते हुए खुद को
पाकर
सुखद भविष्य की ओर
प्रकृति के संग
घनघोर बारिश में
प्रकाश यादव “निर्भीक”
बड़ौदा – 05-07-2016
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