-: जब जब ख्याल आया :-
वो जब जब ख्याल आया, बस
रब सा नजर आया
धरती पे खुदा गर कोई
,तो
उसमें ही नजर आया
उनका ही तो वो प्यार
था, जो
याद अक्सर आया
डूबती हुई हर कश्ती
का, वो
पतवार बनकर आया
जीवन के हर मोड पर, जब
भी अंधेरा पहर छाया
आंखे मूँद कर देखा
तो , वो उजाला लेकर आया
है दृश्य नहीं वो
मूर्त , फिर भी उसे हमसफर पाया
अदृश्य शक्ति से उनका
,
खुशनुमा सा लहर आया
बीती विभावरी जीवन
की , वो ले नया सहर आया
चल आगे पथ पर तू अब ,
उनका ही शहर आया
होगी मिलन उनसे अब
तो , अंबर से खबर आया
“निर्भीक” बन चलता
चल , वो रूह से अंदर आया
प्रकाश यादव “निर्भीक”
बैंक ऑफ बड़ौदा ,
बड़ौदा – 02-04-2015
No comments:
Post a Comment