तुम खफ़ा हो
मुझसे यह मालूम मुझको
मगर खता क्या
है मेरी मुझे खबर नहीं
रह लोगे मेरे
बगैर मुमकिन है तेरे लिए
आदत तुम्हारी
जायेगी यह खबर नहीं
महका दोगे
फिर से कोई गुलशन नया
महकेगी मेरी गुलिस्ताँ
यह खबर नहीं
नयी सुबह नई
दुनियाँ हो तुम्हारी अब
सहर होगा अब
सफर में यह खबर नहीं
लौट आना फिर
से कभी इस चमन में
गुजारा हो
तुम्हारा वहाँ यह खबर नहीं
“निर्भीक”तुमको
चाहा है ताउम्र के लिए
भूल जाओगे
तुम उसे यह खबर नहीं
प्रकाश यादव “निर्भीक”
बड़ौदा – 18-02-2016
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