Friday, July 24, 2015

-: जज़्बात :-





चलो आज हम
किसी मोहब्बत की
बात नहीं करते है
दबे हैं जो दिल में
-जज़्बात- उसे फिर
याद नहीं करते हैं
आँखों से ही आँखों के
सारे दर्द पीकर
एक भी बूंद आँसू की
बरसात नहीं करते है
सी लेते है होठों को
कि थरथराए न कभी
जुबां से अब बयां
हालात नहीं करते हैं
छुप छुपके ही
बाँट लेंगे अपने
टीस ए तन्हाई को 
खुल कर अब कोई
मुलाक़ात नहीं करते हैं
बड़ा ही शातिर है
निगाह ए जमाने की
खुलेआम पेश ए कुमुद  
सौगात नहीं करते हैं
छोड़ देंगे ये शहर
और अपनी वो यादें
फिर गली से गुजरने की
बालात नहीं करते है
जीने की कई राह  
और भी हैं “निर्भीक”
दम घूंटने तक   
अब इंतिज़ार उस
रात की नहीं करते हैं...............

            प्रकाश यादव “निर्भीक”
            बड़ौदा – 22-07-2015

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