Friday, April 15, 2016

जिंदगी तुझको तो


जिंदगी तुझको तो बस ख्वाब में देखा हमने

हुई जब भोर तो बस किताब में देखा हमने

 

निराली बहुत थी रात तेरे ख्वाबे आगोश में

टूटी जो नींद मेरी नशा शराब में देखा हमने

 

दिखा न हसीन सपने जो हकीकत से दूर हो  

दर्द दे जाती है बहुत खिताब में देखा हमने

 

ढह गये शान ए शौकत कई रईस जादों के

बर्बाद ए सितम बहुत शबाब में देखा हमने

 

रहने दो “निर्भीक” को खुद के ही दुनियाँ में

पहरे है बहुत काँटों के गुलाब में देखा हमने

                        प्रकाश यादव “निर्भीक”

                        बड़ौदा – 18.03.2016

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