Friday, April 15, 2016

-: तुम नारी हो:-


 

तुम नारी हो

लेकर कई रूपों को 

जग में पधारी हो

कभी प्यार मिला

कभी फटकार मिली

पर हँसकर ही 

सब स्वीकारी हो

तुम नारी हो ....

माँ की ममता

कर खुद न्योछावर

कभी जागी रात

तुम सारी हो

तुम नारी हो ....

बनकर बहन 

प्यार जताया

रक्षा कवच

तुम हमारी हो

तुम नारी हो ....

दोस्त बनी कभी

तुम अल्हड़ सी

संग संग पल

सुनहरी गुजारी हो

तुम नारी हो ....

जीवन सफर में

चलने को

चंचल चित

तुम हारी हो

तुम नारी हो

जब भी देखा

बस त्याग भावना

निःस्वार्थ सबको

खुद तुम सँवारी हो

तुम नारी हो ...........

            प्रकाश यादव “निर्भीक”

            बड़ौदा -08.03.2016

 

No comments: