Friday, April 15, 2016

-:आँसू निकलते क्यों है :-


 

 

आँसू आँखों से निकलते क्यों है

जज़्बात फिर दिल में रहते क्यों है

कोई तो है जरूर खास जहां में

ये हिचकियाँ अक्सर आते क्यों है

 

दूर मेरी नजरों से वो संगदिल

आकर करीब अब रुलाते क्यों है

कर लिया है दिल पत्थर अपना

ख्वाबों में फिर वो आते क्यों है

 

सांस रुकते ही खत्म सब रिश्ता

हृदय को फिर से तड़पाते क्यों है

रूह का रूह से यह कैसा बन्धन

बारिस नयनों से बरसाते क्यों है

 

रीत गज़ब प्रभु है तुमने बनायी

अजीज बन वो बिछुड़ते क्यों है 

तुम्हारी माया अब तुम्हीं जानो

वो विलग हम बिलखते क्यों हैं

 

आना जाना निरंतर तेरे जग में

झूठी गरुर कोई उलझते क्यों है

मोह फिर कैसी है इस दुनियाँ से

पास नहीं है फिर धड़कते क्यों है  

 

कहना बस इतना उनसे आखिरी  

फ़लक में जाकर चमकते क्यों है

“निर्भीक” होकर है जीना जहां में

सिखाया है आपने घबराते क्यों है

                  प्रकाश यादव “निर्भीक”

                  बड़ौदा – 01.03.2016

 

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