राम रहीम पर
लड़ने वाले
खुद को खुदा
बताने वाले
आपस में
झगड़ते क्यों हो
है एक वही सबके
रखवाले
गीता कुरान जानने
वाले
बाईबल
गुरुग्रंथ भेद कहाँ
बांटा यहाँ
खुद को हमने
ईश स्नेह में
धर्मभेद कहाँ
प्यार धर्म
की सीख रही
हमने बोया
नफरत यहाँ
झांक दिल में
देख जरा
उनके है सब
संतान यहाँ
क्या लड़ना
क्या झगड़ना
दो दिन का तो
मेला है
आँख बंद तो
सब यहीं पे
माया का ये सब
खेला है
मानव हो मानव
बन रह
आतुर क्यों दानव
को है
विध्वंस हुआ
असुर यहाँ
यह ज्ञान भी मानव
को है
क्या हिन्दू
व मुसलमान
बनायी हमने
ये जाति है
सर्वधर्म से
जो जुड़ा रहा
जग में उनकी
ख्याति है
प्यार बाँट
प्यार मिलेगा
नफरत में
क्या रखा है
सारे झूठे जग
में “निर्भीक”
रब ही बस एक
सच्चा है
प्रकाश यादव “निर्भीक”
बड़ौदा – 20.10.2015
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