वक्त
के साथ ख्यालात बदल जाते है
इंसान
का कुछ हालात बदल जाते हैं
ठहरती
तो नहीं कुछ इस दुनियाँ में
ठहरे
दिल में जज़्बात बदल जाते हैं
ठौर
होती है कभी सारी खुशियों की
उनकी
भी वो सौगात बदल जाते हैं
जो
थे कभी एक रोटी को मोहताज
उनके
भी तो औकात बदल जाते है
जिसने
खाये कभी खूबसूरत कसमें
उनके
भी अब जात बदल जाते है
फैलाये
थे जो झोली खुले दिल से
अदा
देने की खैरात बदल जाते है
न
कर उम्मीद दुनियाँ से “निर्भीक”
यहाँ
तो लोग हर रात बदल जाते है
प्रकाश यादव “निर्भीक”
बड़ौदा – 29-10-2015
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